Friday, February 03, 2012

कुवां

अरे इस सीने में अभी बोहोत प्यार बाकी हे
आ तू भी, प्यासी, तेरे लीये तोह काफी हे

अरे इस सीने में अभी बोहोत प्यार बाकी हे
तेरी त्रिश्ना मुजहे इस गहराई में भी महसुस हो रही हे
भले तुने माँगा न हो पर इस सीने में
प्यार का एक दरीया तेरे लिए बाकी हे

अरे इस सीने में अभी बोहोत प्यार बाकी हे
तेरी प्यास इस प्यार के लिये नहीं
कीसी खारे तालाब के लीये हे इस्सी बात का ग़म हे
तेरे लीये एक बूँद क्या पूरा समंदर हाजीर हे

अरे इस सीने में अभी बोहोत प्यार बाकी हे
तेरे पहले कीतने आये, ततेरे बाद कीतने आएंगे
कितनो ने ढेर सारा माँगा, कितनो ने सिर्फ चुल्लू भर
अब चाहता हूँ की वर्षा की तरह

कोई इस सूखे कुवें में भी प्यार भर जाये